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2025 में होली कब है? जानें तिथि, महत्व और उत्सव से जुड़ी जानकारी

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2025 में होली कब है?

होली भारत के सबसे प्रमुख और हर्षोल्लास से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। 2025 में होली का त्योहार 14 मार्च, गुरुवार को मनाया जाएगा। होली का यह रंगीन पर्व दो दिनों तक चलता है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंग वाली होली खेली जाती है।

होली का महत्व

होली का महत्व सिर्फ रंगों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह त्योहार प्रेम, भाईचारे और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद को राक्षसी होलिका से बचाया था। होलिका दहन इसी कथा की याद में किया जाता है।

यह त्योहार लोगों को आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होने का संदेश देता है। होली के दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और मिठाई खिलाते हैं, जिससे आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।

होली से जुड़ी पौराणिक कथाएं

होली से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  1. प्रह्लाद और होलिका की कथा: प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे, लेकिन उनके पिता हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु के घोर विरोधी थे। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद ली। होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका जलकर राख हो गई।
  2. राधा-कृष्ण की होली: ब्रज क्षेत्र में होली का विशेष महत्व है। यहां यह त्योहार राधा और कृष्ण के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ रंगों से होली खेली थी। आज भी वृंदावन और बरसाने की होली पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

होली मनाने की परंपराएं

होली का त्योहार भारत में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। इसके प्रमुख चरण इस प्रकार हैं:

  1. होलिका दहन: होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। लोग लकड़ियां और गोबर के उपले एकत्र कर अग्नि प्रज्वलित करते हैं। इस दौरान पवित्र मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और बुराई के नाश की कामना की जाती है।
  2. रंग वाली होली: होली के दिन लोग एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं। बच्चे पिचकारियों और पानी के गुब्बारों से खेलते हैं। इस दिन मिठाइयों और पकवानों का विशेष महत्व होता है।
  3. भांग का सेवन: कुछ क्षेत्रों में होली के अवसर पर भांग का सेवन भी किया जाता है। भांग से बने ठंडाई का आनंद लेते हुए लोग गीत-संगीत और नृत्य करते हैं।

भारत के विभिन्न हिस्सों में होली

भारत के हर कोने में होली अलग-अलग अंदाज में मनाई जाती है।

  1. बरसाने की लठमार होली: उत्तर प्रदेश के बरसाने में लठमार होली बेहद प्रसिद्ध है। इसमें महिलाएं पुरुषों पर लाठियों से प्रहार करती हैं और पुरुष इसे ढाल से बचाने की कोशिश करते हैं।
  2. शांतिनिकेतन की होली: पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में होली को बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यहां लोग पारंपरिक नृत्य और गीतों के साथ होली का आनंद लेते हैं।
  3. पंजाब की होली: पंजाब में होली को होला मोहल्ला के रूप में मनाया जाता है। इसमें लोग शारीरिक कौशल और युद्ध-कला का प्रदर्शन करते हैं।
  4. गोवा की होली: गोवा में होली को शिमगो के रूप में मनाया जाता है। यहां लोग नृत्य, संगीत और रंगों के साथ होली का उत्सव मनाते हैं।

होली पर विशेष पकवान

होली का मजा तब तक अधूरा है जब तक इसमें खास पकवान न हों। इस त्योहार पर बनाए जाने वाले कुछ प्रसिद्ध व्यंजन हैं:

  1. गुजिया: मावे और ड्राई फ्रूट्स से भरी हुई गुजिया होली की शान होती है।
  2. ठंडाई: भांग से बनी ठंडाई होली का पारंपरिक पेय है। यह दूध, बादाम और मसालों से तैयार की जाती है।
  3. दही भल्ला: दही और मसालों से भरा हुआ यह व्यंजन होली पर खासतौर पर बनाया जाता है।
  4. पापड़ी चाट: खट्टी-मीठी चटनी और दही से बनी पापड़ी चाट होली के खाने का अहम हिस्सा है।

होली मनाते समय सावधानियां

होली के दौरान रंग खेलने और त्योहार का आनंद लेने के साथ-साथ कुछ सावधानियां बरतना भी जरूरी है:

  1. केवल प्राकृतिक और हर्बल रंगों का ही उपयोग करें। रासायनिक रंग त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  2. पानी की बर्बादी से बचें और सूखी होली खेलने का प्रयास करें।
  3. अगर भांग का सेवन कर रहे हैं तो सीमित मात्रा में ही करें।
  4. छोटे बच्चों और पालतू जानवरों के साथ खेलते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतें।

होली का संदेश

होली केवल रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन में खुशियां और सकारात्मकता लाने का संदेश देता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि जीवन में बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अच्छाई और सच्चाई के आगे टिक नहीं सकती।

निष्कर्ष

2025 में होली 14 मार्च को मनाई जाएगी। यह त्योहार हमारे जीवन में उत्साह, उमंग और प्रेम का संचार करता है। होली के दिन लोग अपने गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और खुशियां मनाते हैं। तो इस होली को पूरी उमंग और जोश के साथ मनाएं और दूसरों के जीवन में भी रंग भरें।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि lordkart.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 

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