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मौनी अमावस्या 2024: मौनी अमावस्या कब है? यहां जानिए तिथि और महत्व

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मौनी अमावस्या एक पारंपरिक हिन्दू पर्व है जो मौन या चुप्पी का आदान-प्रदान करने का एक विशेष दिन है। इस अद्भुत अवसर पर लोग मौन व्रत रखते हैं और विशेष धार्मिक अनुष्ठान अपनाते हैं। यह अमावस्या तिथि के दिन आती है और विभिन्न क्षेत्रों में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि मौनी अमावस्या, मौनी अमास, या मौन अमावस्या।

मौनी अमावस्या का महत्व धार्मिक दृष्टिकोण से है, और यह त्योहार विशेषकर सनातन धर्म में मान्यता प्राप्त है। इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति अपने जीवन में सामंजस्य और शांति को बढ़ावा देने के लिए इसका पालन करते हैं। मौन या चुप्पी का पालन करने से व्यक्ति अपने आत्मा के साथ एकाग्र होता है और अन्तरंग शांति की प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहता है।

इस दिन के अवसर पर, मंदिरों में भक्ति और पूजा का आयोजन किया जाता है। लोग मौन व्रत के दौरान विशेष रूप से स्नान, पूजा, और ध्यान करते हैं। मन्दिरों में भक्तों की भीड़ बढ़ती है और वहां विशेष पूजा अर्चना का आयोजन होता है।

मौनी अमावस्या को आत्मा की शुद्धि और ध्यान का महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है। इस दिन व्यक्ति अपने आत्मा के साथ मिल जुलकर शांति और सुकून का अनुभव करता है और धार्मिक साधना का समय बिताता है।

मौनी अमावस्या का पालन करने से लोग आत्मा के प्रति अधिक समर्पित होते हैं और वे अपने जीवन को धार्मिकता और शांति की दिशा में मोड़ते हैं। यह एक ऐसा समय है जब व्यक्ति अपनी आत्मा के साथ संबंध स्थापित करने का प्रयास करता है और अपने अंतरंग जीवन को मौन से संवारता है।

9 फरवरी 2024, शुक्रवार को मौनी अमावस्या
अमावस्या तिथि प्रारंभ – 09 फरवरी 2024 को प्रातः 08:02 बजे से
अमावस्या तिथि समाप्त – 10 फरवरी 2024 को प्रातः 04:28 बजे

ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन हिंदू धर्म की सबसे पवित्र और पवित्र नदी गंगा का जल अमृत में बदल जाता है। इसी मान्यता के कारण मौनी अमावस्या का दिन हिंदू कैलेंडर में गंगा में पवित्र स्नान करने का सबसे महत्वपूर्ण दिन है।

उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार मौनी अमावस्या माघ माह के मध्य में आती है और इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है। कई लोग न केवल मौनी अमावस्या के दिन बल्कि पूरे माघ माह में भी गंगा में पवित्र स्नान करने का संकल्प लेते हैं। दैनिक स्नान अनुष्ठान पौष पूर्णिमा से शुरू होता है और माघ पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

कुंभ मेले के दौरान, मौनी अमावस्या इलाहाबाद के प्रयाग में सबसे महत्वपूर्ण स्नान का दिन है और इसे अमृत योग के दिन और कुंभ पर्व के दिन के रूप में जाना जाता है।

मौनी अमावस्या को मौनी अमावस (मौनी अमावस) के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह हिंदू धर्म में मौन का दिन भी है जब लोग पूरे दिन एक शब्द भी न बोलकर एक दिन का उपवास रखने का संकल्प लेते हैं।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि lordkart.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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