भारत में बने मंदिरों का डंका तो दुनिया भर में बजता है. हिंदू आस्थाओं के प्रतिनिधि कई पुराने मंदिर पाकिस्तान में भी हैं.
हिंगलाज मंदिर, बलूचिस्तान:
विष्णु भगवान ने सती मां के शव को काटने के लिए चक्र फेंका था. उस चक्र से सती मां का सिर कटकर जहां गिरा था, वही ये है जगह. पाकिस्तान के बलूचिस्तान से 120 किलोमीटर दूर हिंगोल नदी के तट पर बना हिंगलाज मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. सदियों पुराने इस मंदिर में लोगों की गहरी आस्था है.
हिंगलाज मंदिर, बलूचिस्तान
पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची:
1500 साल पुराना हनुमान मंदिर. मान्यता है कि त्रेता युग से यानी करीब 17 लाख साल से पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति यहीं है. मंदिर का पुनर्निमाण साल 1882 में कराया गया था. भीड़ मंदिर में हमेशा हचक कर रहती है.
पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची
कटास राज मंदिर, चकवाल:
पाकिस्तान में सबसे बड़ा मंदिर शिवजी का कटासराज मंदिर है, जो लाहौर से 270 किमी की दूरी पर चकवाल जिले में स्थित है। इस मंदिर के पास एक सरोवर है। कहा जाता है कि मां पार्वती के वियोग में जब शिवजी के आंखों से आंसू निकले तो उनके आंसुओं की दो बूंदे धरती पर गिरीं और आंसुओं की यही बूंदे एक विशाल कुंड में परिवर्तित हो गईं। इस कुंड के बारे में मान्यता है कि इसमें स्नान करने से मानसिक शांति मिलती है और दुख-दरिद्रता से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही यहां एक गुफा भी है। इसके बारे में कहा जाता है कि सरोवर के किनारे पांडव अपने वनवास के दौरान आए थे।
कटास राज मंदिर, चकवाल
स्वामिनारायण मंदिर, कराची:
शहर के बंदर रोड पर है यह मंदिर. 32,306 स्क्वायर यार्ड में बना है. करीब 160 साल पुराने इस मंदिर में हिंदू-मुस्लिम दोनों की आवाजाही रहती है. बंटवारे के वक्त मंदिर का इस्तेमाल रिफ्यूजी कैंप की तरह हुआ. इसी परिसर में एक गुरुनानक गुरुद्वारा भी है और इसी मंदिर से हिंगलाज मंदिर के लिए यात्रा शुरू होती है.
स्वामिनारायण मंदिर, कराची
सूर्य मंदिर, मुल्तान:
रामायण वाले जामवंत ने अपनी बेटी जामवंती की शादी कृष्ण से करवाई थी. जामवंती कृष्ण के बेटे का नाम था- सांब. उन्ही सांब साहेब ने इस मंदिर को बनाया. वजह थी पिता कृष्ण से मिले कोढ़ी होने के श्राप से मुक्ति. 1500 साल पहले मुल्तान के सूर्य मंदिर में टहलने आए चीन के बौद्ध भिक्षु शुयांग ने इसके ब्योरे लिखे थे. मुहम्मज बिन कासिम और मुहम्मद गजनी समेत कई मुस्लिम क्रूर शासकों ने मंदिर को कई बार लूटा. आज भी मंदिर की हालत खस्ता है.
सूर्य मंदिर, मुल्तान
श्री वरुणदेव मंदिर, कराची:
पाकिस्तान सिंध के कराची के मनोरा आईलैंड में बना यह मंदिर 100 साल से ज्यादा पुराना है. श्रीवरुणदेव मंदिर का इस्तेमाल अब हिंदू काउंसिल ऑफ पाकिस्तान के कामों के लिए किया जाता है. कहते हैं 16वीं सदी से मंदिर अस्तित्व में था, लेकिन मौजूदा स्ट्रक्चर 1917-18 का बना हुआ है.
श्री वरुणदेव मंदिर, कराची
राम मंदिर, इस्लामकोट:
पाकिस्तान का बड़ा राम मंदिर इस्लामकोट में है. भारत में भगवान राम हिंदू बहुसंख्यक आस्था और उस आस्था से पैदा हुई राजनीति के प्रतीक के तौर पर भी देखे जाते हैं. लेकिन पाकिस्तान में बहुत कम राम मंदिर हैं. इस्लामकोट पाकिस्तान की वह जगह है, जहां हिंदुओं और मुसलमानों की आबादी लगभग एक समान ही है.
राम मंदिर, इस्लामकोट
गौरी मंदिर, थारपारकर:
पाकिस्तान में स्थित विशाल मंदिर है गौरी मंदिर। यह सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में स्थित है। पाकिस्तान के इस जिले में हिंदु बहुसंख्यक हैं और इनमें अधिकतर आदिवासी हैं। पाकिस्तान में इन्हें थारी हिंदु कहा जाता है। गौरी मंदिर मुख्य रूप से जैन मंदिर है, लेकिन इसमें अनेकों देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी हुई हैं। इस मंदिर की स्थापत्य शैली भी राजस्थान और गुजरात की सीमा पर बसे माउंट आबू में स्थित मंदिर जैसी ही है। इस मंदिर का निर्माण मध्ययुग में हुआ। पाकिस्तान के बिगड़ते हालात और कट्टरपंथियों के बढ़ते प्रभाव के कारण यह मंदिर भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुका है।
गौरी मंदिर, थारपारकर
गोरखनाथ मंदिर, पेशावर:
पाकिस्तान के पेशावर में मौजूद ये ऐतिहासिक मंदिर 160 साल पुराना है। ये बंटवारे के बाद से ही बंद पड़ा था और यहां रोजाना का पूजा-पाठ भी बंद पड़ा था। पेशावार हाई कोर्ट के आदेश पर छह दशकों बाद नवंबर 2011 में दोबारा खोला गया। इस मंदिर खोलने के लिए पुजारी की बेटी फूलवती ने याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने इसे खोलने का आदेश दिया था।
गोरखनाथ मंदिर, पेशावर
शारदा देवी मंदिर, पीओके:
मां सरस्वती को समर्पित यह मंदिर लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) नीलम घाटी पर स्थित है। यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है। कहा जाता है कि आदिशंकर यहां से यात्रा करते हुए निकले थे। यह मंदिर भी लगभग खंडहर में तब्दील हो चूका है।
शारदा देवी मंदिर, पीओके
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Source: quora