नया वर्ष 2027 हिन्दू संस्कृति के लिए एक अनमोल रत्न की तरह चमकेगा। यह वर्ष न केवल पारंपरिक व्रत-त्योहारों की धूम लाएगा, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी असाधारण होगा। कल्पना कीजिए, नासिक में सिंहस्थ कुम्भ मेला का भव्य आयोजन, जहां करोड़ों भक्त गंगा-यमुना के संगम पर स्नान कर मोक्ष की कामना करेंगे। इसके साथ ही, 2 अगस्त को होने वाला कुल सूर्य ग्रहण, जो छह मिनट तक चलेगा, रात्रि की तरह दिन को निगल लेगा – एक ऐसा चमत्कार जो वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों स्तरों पर लोगों को आकर्षित करेगा। यह ग्रहण पापों के नाश और नई शुरुआत का प्रतीक बनेगा।
इस वर्ष के कैलेंडर में मकर संक्रांति से दीपावली तक हर त्योहार विशेष ऊर्जा से ओतप्रोत होगा। होली की रंगीन मस्ती, नवरात्रि की शक्ति पूजा, जन्माष्टमी की बाल लीला, और कर्तिक पूर्णिमा की दीपमालाएं – सब कुछ एक-दूसरे से जुड़कर एक दिव्य यात्रा बनाएंगे। व्रत जैसे एकादशी, शिवरात्रि और पूर्णिमा हमें आत्म-चिंतन की ओर ले जाएंगे। 2027 हमें सिखाएगा कि जीवन में संतुलन और भक्ति ही सच्ची खुशी का आधार है। यदि आप इस वर्ष की तैयारी कर रहे हैं, तो यह कैलेंडर आपका मार्गदर्शक बनेगा। आइए, इस पवित्र वर्ष में डुबकी लगाएं और आध्यात्मिक ऊंचाइयों को छुएं।
हिन्दू कैलेंडर हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग है, जो न केवल तिथियों को चिह्नित करता है बल्कि जीवन को आध्यात्मिक गहराई प्रदान करता है। वर्ष 2027 विक्रम संवत 2083-84 के रूप में जाना जाएगा, जो ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण यादगार साबित होगा। इस लेख में हम 2027 के प्रमुख व्रत, त्योहारों की पूरी सूची महीने दर महीने समझेंगे, साथ ही प्रत्येक का महत्व, रीति-रिवाज और तैयारी के टिप्स साझा करेंगे। अंत में, हम चर्चा करेंगे कि यह वर्ष क्यों इतना खास है – कुम्भ मेले की भव्यता और दुर्लभ ग्रहणों के कारण। यह जानकारी ज्योतिषीय पंचांग पर आधारित है, जो हमें भक्ति मार्ग पर चलने की प्रेरणा देगी।
जनवरी 2027: नई शुरुआत का संदेश
सर्दियों की ठंडक में जनवरी का हिन्दू कैलेंडर आशा की किरण लाता है। 3 जनवरी, रविवार को स्फुलिंग एकादशी का व्रत होगा, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन फलाहार रखकर पापों से मुक्ति की कामना की जाती है। 5 जनवरी, मंगलवार को मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष) मनाया जाएगा, जहां शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाकर कल्याण की प्रार्थना करें। 7 जनवरी, गुरुवार को पौष अमावस्या पर पितरों का तर्पण करें।
मुख्य आकर्षण 15 जनवरी, शुक्रवार को मकर संक्रांति, उत्तरायण और पोंगल है। सूर्य का धनु से मकर राशि में प्रवेश उत्तरायण का प्रारंभ करता है, जो सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। तिल-गुड़ का प्रसाद बांटें और सूर्य को जल अर्पित करें। 19 जनवरी, मंगलवार को पौष पुत्रदा एकादशी पर संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखें। 20 जनवरी को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष) और 22 जनवरी, शुक्रवार को पौष पूर्णिमा व्रत पर चंद्रमा की पूजा करें। 25 जनवरी, सोमवार को संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की आराधना से बाधाएं दूर होंगी। इस महीने की शुरुआत भक्ति से भरकर वर्ष को शुभ बनाएं।
फरवरी 2027: ज्ञान और भक्ति का संगम
फरवरी में बसंत का आगमन होता है, जो रचनात्मकता जगाता है। 2 फरवरी, मंगलवार को शततिला एकादशी पर तिल दान करें। 3 फरवरी को प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष) और 4 फरवरी, गुरुवार को मासिक शिवरात्रि। 6 फरवरी, शनिवार को माघ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण (वलयाकार) होगा – इस दौरान दान-पुण्य विशेष फलदायी।
11 फरवरी, गुरुवार को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा पर पीली वस्तुएं ग्रहण करें, ज्ञान की देवी को प्रसन्न करें। 13 फरवरी, शनिवार को कुम्भ संक्रांति पर सूर्य का मकर से कुम्भ संक्रमण। 17 फरवरी, बुधवार को जया एकादशी व्रत रखें। 18 फरवरी को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष) और 20 फरवरी, शनिवार को माघ पूर्णिमा व्रत पर कल्पवास का समापन। 24 फरवरी, बुधवार को संकष्टी चतुर्थी। इस महीने चंद्र ग्रहण 21 फरवरी को भी होगा, जो आध्यात्मिक चिंतन को बढ़ावा देगा।
मार्च 2027: शिव की महिमा और होली की धूम
मार्च में शिव भक्ति चरम पर पहुंचती है। 4 मार्च, गुरुवार को विजया एकादशी। 5 मार्च को प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष) और 6 मार्च, शनिवार को महाशिवरात्रि – रात्रि जागरण कर शिव पूजा करें, विवाह के लिए विशेष। 8 मार्च, सोमवार को फाल्गुन अमावस्या पर सोमवती अमावस्या। 15 मार्च, सोमवार को मीन संक्रांति।
18 मार्च, गुरुवार को अमलकी एकादशी। 20 मार्च को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)। 22 मार्च, सोमवार को होलिका दहन और फाल्गुन पूर्णिमा व्रत, उसके अगले दिन 23 मार्च, मंगलवार को होली – रंगों से प्रेम का उत्सव। 25 मार्च, गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी। यह महीना वसंत की सौंदर्यता से सराबोर रहेगा।
अप्रैल 2027: नवरात्रि की शक्ति और राम नवमी
नव संवत्सर की शुरुआत अप्रैल में। 2 अप्रैल, शुक्रवार को पापमोचनी एकादशी। 4 अप्रैल को प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष), 5 अप्रैल को मासिक शिवरात्रि। 6 अप्रैल, मंगलवार को चैत्र अमावस्या। 7 अप्रैल, बुधवार को चैत्र नवरात्रि, उगादी, घटस्थापना, गुड़ी पड़वा – नया वर्ष अभिनंदन। 8 अप्रैल, गुरुवार को चेटी चंद।
14 अप्रैल, बुधवार को मेष संक्रांति और राम नवमी (स्मार्त)। 15 अप्रैल, गुरुवार को राम नवमी (इस्कॉन) और स्वामिनारायण जयंती। 17 अप्रैल, शनिवार को कामदा एकादशी। 18 अप्रैल को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)। 20 अप्रैल, मंगलवार को हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा व्रत। 24 अप्रैल, शनिवार को संकष्टी चतुर्थी। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती पाठ अवश्य करें।
मई 2027: अक्षय तृतीया की अमरता
गर्मियों में मई आध्यात्मिक ऊर्जा लाता है। 2 मई, रविवार को वरुथिनी एकादशी। 3 मई को प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष), 4 मई को मासिक शिवरात्रि। 6 मई, गुरुवार को वैशाख अमावस्या। 9 मई, रविवार को अक्षय तृतीया – सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त, अनंत फल।
15 मई, शनिवार को वृषभ संक्रांति। 16 मई, रविवार को मोहिनी एकादशी। 17 मई को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)। 20 मई, गुरुवार को वैशाख पूर्णिमा व्रत और बुद्ध पूर्णिमा। 23 मई, रविवार को संकष्टी चतुर्थी। परशुराम जयंती 8 मई को भी विशेष।
जून 2027: गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी
जून में वर्षा ऋतु की शुरुआत। 1 जून, मंगलवार को अपरा एकादशी। 2 जून को प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष), 3 जून को मासिक शिवरात्रि। 4 जून, शुक्रवार को ज्येष्ठ अमावस्या। 14 जून, सोमवार को निर्जला एकादशी – जल रहित व्रत, साल भर के एकादशी फल।
15 जून, मंगलवार को मिथुन संक्रांति। 16 जून को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)। 18 जून, शुक्रवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत और वट पूर्णिमा। 22 जून, मंगलवार को संकष्टी चतुर्थी। 13 जून को गंगा दशहरा – गंगा स्नान। 30 जून को योगिनी एकादशी।
जुलाई 2027: गुरु पूर्णिमा और रथ यात्रा
जुलाई भक्ति का केंद्र। 1 जुलाई को प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष), 2 जुलाई को मासिक शिवरात्रि। 4 जुलाई, रविवार को आषाढ़ अमावस्या। 5 जुलाई, सोमवार को जगन्नाथ रथ यात्रा। 14 जुलाई, बुधवार को देवशयनी एकादशी। 15 जुलाई को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)।
17 जुलाई, शनिवार को कर्क संक्रांति। 18 जुलाई, रविवार को गुरु पूर्णिमा और आषाढ़ पूर्णिमा व्रत। 22 जुलाई, गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी। 29 जुलाई, गुरुवार को कामिका एकादशी। 31 जुलाई को मासिक शिवरात्रि। यह महीना गुरु भक्ति पर केंद्रित।
अगस्त 2027: रक्षा बंधन और जन्माष्टमी की लीला
अगस्त में वर्षा की रिमझिम। 2 अगस्त, सोमवार को श्रावण अमावस्या पर कुल सूर्य ग्रहण। 4 अगस्त, बुधवार को हरियाली तीज। 6 अगस्त, शुक्रवार को नाग पंचमी। 12 अगस्त, गुरुवार को श्रावण पुत्रदा एकादशी। 14 अगस्त को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)।
17 अगस्त, मंगलवार को रक्षा बंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत, सिंह संक्रांति और चंद्र ग्रहण। 20 अगस्त, शुक्रवार को संकष्टी चतुर्थी और कजरी तीज। 25 अगस्त, बुधवार को जन्माष्टमी – बालकृष्ण की पूजा। 28 अगस्त, शनिवार को अजा एकादशी। 29 अगस्त को प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष), 30 अगस्त को मासिक शिवरात्रि। 31 अगस्त को भाद्रपद अमावस्या।
सितंबर 2027: गणेश चतुर्थी और नवरात्रि प्रारंभ
सितंबर उत्सवों से सराबोर। 3 सितंबर, शुक्रवार को हरतालिका तीज और गणेश चतुर्थी। 4 सितंबर, शनिवार को ऋषि पंचमी। 11 सितंबर, शनिवार को परिवर्तिनी एकादशी। 13 सितंबर, सोमवार को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष) और ओणम। 14 सितंबर, मंगलवार को अनंत चतुर्दशी।
15 सितंबर, बुधवार को भाद्रपद पूर्णिमा व्रत। 17 सितंबर, शुक्रवार को कन्या संक्रांति। 19 सितंबर, रविवार को संकष्टी चतुर्थी। 26 सितंबर, रविवार को इंदिरा एकादशी। 27 सितंबर को प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष), 28 सितंबर को मासिक शिवरात्रि। 30 सितंबर, गुरुवार को शरद नवरात्रि, अश्विन अमावस्या, घटस्थापना। गणेश पूजा से बाधाएं दूर।
अक्टूबर 2027: दुर्गा पूजा और दीपावली
शरद ऋतु का स्वागत। 5 अक्टूबर, मंगलवार को काल परिवर्तन। 6 अक्टूबर, बुधवार को नवपत्रिका पूजा। 7 अक्टूबर, गुरुवार को दुर्गा पूजा अष्टमी। 8 अक्टूबर, शुक्रवार को दुर्गा महानवमी। 9 अक्टूबर, शनिवार को शरद नवरात्रि समापन, दुर्गा विसर्जन, दशहरा। 10 अक्टूबर, रविवार को दुर्गा विसर्जन।
11 अक्टूबर, सोमवार को पापांकुशा एकादशी। 12 अक्टूबर को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)। 15 अक्टूबर, शुक्रवार को अश्विन पूर्णिमा व्रत। 18 अक्टूबर, सोमवार को संकष्टी चतुर्थी, करवा चौथ, तुला संक्रांति। 25 अक्टूबर, सोमवार को राम एकादशी। 27 अक्टूबर, बुधवार को मासिक शिवरात्रि, धनतेरस, प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)। 28 अक्टूबर, गुरुवार को नरक चतुर्दशी। 29 अक्टूबर, शुक्रवार को दीपावली, कार्तिक अमावस्या। 30 अक्टूबर, शनिवार को गोवर्धन पूजा। 31 अक्टूबर, रविवार को भाई दूज। दीपों की रौनक अनुपम।
नवंबर 2027: छठ पूजा और तुलसी विवाह
नवंबर में सूर्य पूजा। 4 नवंबर, गुरुवार को छठ पूजा। 10 नवंबर, बुधवार को देवउठनी एकादशी। 11 नवंबर को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)। 14 नवंबर, रविवार को कार्तिक पूर्णिमा व्रत। 17 नवंबर, बुधवार को संकष्टी चतुर्थी, वृश्चिक संक्रांति। 24 नवंबर, बुधवार को उत्पन्ना एकादशी। 25 नवंबर को प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष), 26 नवंबर को मासिक शिवरात्रि। 28 नवंबर, रविवार को मार्गशीर्ष अमावस्या। तुलसी विवाह की तैयारी।
दिसंबर 2027: वर्ष का समापन
दिसंबर में समापन। 9 दिसंबर, गुरुवार को मोक्षदा एकादशी। 11 दिसंबर, शनिवार को प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)। 13 दिसंबर, सोमवार को मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत। 16 दिसंबर, गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी, धनु संक्रांति। 23 दिसंबर, गुरुवार को स्फुलिंग एकादशी। 25 दिसंबर, शनिवार को प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष), मासिक शिवरात्रि। 27 दिसंबर, सोमवार को पौष अमावस्या। वर्ष भक्ति से समाप्त।
वर्ष 2027 क्यों है इतना खास?
2027 हिन्दू ज्योतिष में विशेष इसलिए क्योंकि नासिक में सिंहस्थ कुम्भ मेला 16 जुलाई से 17 अगस्त तक आयोजित होगा – हर 12 वर्ष में एक बार, जहां सूर्य कर्क राशि में और गुरु सिंह में होंगे। करोड़ों भक्तों का स्नान मोक्षदायी। इसके अलावा, 2 अगस्त को कुल सूर्य ग्रहण (6 मिनट लंबा) पाप नाश का प्रतीक बनेगा। अन्य ग्रहण: फरवरी में सूर्य-चंद्र, अगस्त में चंद्र। ये घटनाएं आध्यात्मिक जागरण लाएंगी। कुल मिलाकर, यह वर्ष भक्ति, उत्सव और चमत्कारों का संगम है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- 2027 में मकर संक्रांति कब है? 15 जनवरी, शुक्रवार को। तिल-गुड़ दान करें।
- महाशिवरात्रि 2027 की तिथि क्या है? 6 मार्च, शनिवार। रात्रि जागरण आवश्यक।
- होली 2027 कब मनाई जाएगी? 23 मार्च, मंगलवार को रंगों का त्योहार।
- राम नवमी 2027 की सटीक तारीख? 14-15 अप्रैल, संप्रदाय अनुसार।
- अक्षय तृतीया 2027 कब? 9 मई, रविवार – शुभ खरीदारी के लिए।
- निर्जला एकादशी 2027 की तिथि? 14 जून, सोमवार – जल रहित व्रत।
- गुरु पूर्णिमा 2027 कब? 18 जुलाई, रविवार – गुरु पूजा।
- रक्षा बंधन 2027 की तारीख? 17 अगस्त, मंगलवार।
- जन्माष्टमी 2027 कब मनाएं? 25 अगस्त, बुधवार।
- गणेश चतुर्थी 2027 की शुरुआत? 3 सितंबर, शुक्रवार।
- दशहरा 2027 कब? 9 अक्टूबर, शनिवार – रावण दहन।
- दीपावली 2027 की तिथि? 29 अक्टूबर, शुक्रवार।
- छठ पूजा 2027 कब? 4 नवंबर, गुरुवार।
- कुम्भ मेला 2027 कहां? नासिक में, जुलाई-अगस्त।
- सूर्य ग्रहण 2027 कब? 2 अगस्त, सोमवार – कुल ग्रहण।
Disclaimer: यह जानकारी सामान्य ज्योतिषीय पंचांग पर आधारित है और केवल संदर्भ के लिए है। तिथियां स्थान के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। किसी भी व्रत या पूजा के लिए स्थानीय पंडित से परामर्श लें। Lordkart या लेखक किसी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं लेते।
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