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धनतेरस 2026: तारीख, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

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धनतेरस 2026, धन और समृद्धि का प्रतीक, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जो दीपावली की शुरुआत का संकेत देता है। इस दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि देव के प्रकट होने की कथा प्रचलित है, जिन्होंने समुद्र मंथन से अमृत कलश लाकर मानवता को स्वास्थ्य और समृद्धि का वरदान दिया। धनतेरस पर सोना, चांदी, पीतल के बर्तन, और झाड़ू खरीदने की परंपरा है, जो धन और सुख-शांति लाती है। इस दिन यमराज के लिए दीपदान और धन्वंतरि की षोडशोपचार पूजा का विशेष महत्व है। यह पर्व न केवल आर्थिक समृद्धि, बल्कि उत्तम स्वास्थ्य की कामना को भी दर्शाता है। धनतेरस के शुभ मुहूर्त में खरीदारी और पूजा करने से मां लक्ष्मी और धन्वंतरि देव की कृपा प्राप्त होती है। इस लेख में हम आपको धनतेरस 2026 की तारीख, मुहूर्त, पूजा विधि, और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। आइए, इस पर्व को उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाएं और अपने जीवन में समृद्धि और स्वास्थ्य का स्वागत करें।

धनतेरस 2026: तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी या धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व धन, समृद्धि, और स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धनतेरस के दिन सोना, चांदी, और पीतल के बर्तन खरीदने की परंपरा है, जो धन और सुख-समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। इस लेख में हम धनतेरस 2026 की तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से साझा करेंगे।

धनतेरस 2026 की तारीख और शुभ मुहूर्त

वर्ष 2026 में धनतेरस 6 नवंबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। नई दिल्ली, भारत के लिए धनतेरस के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

  • धनतेरस पूजा मुहूर्त: 18:03:41 से 19:59:35 तक
  • अवधि: 1 घंटा 55 मिनट
  • प्रदोष काल: 17:32:46 से 20:09:38 तक
  • वृषभ काल: 18:03:41 से 19:59:35 तक

इन शुभ मुहूर्तों में पूजा और खरीदारी करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

धनतेरस का महत्व

धनतेरस का पर्व धन्वंतरि देव के प्रकट होने की स्मृति में मनाया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरि देव अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा प्रचलित है, क्योंकि यह अमृत कलश का प्रतीक है। यह पर्व न केवल आर्थिक समृद्धि, बल्कि उत्तम स्वास्थ्य की कामना को भी दर्शाता है। धनतेरस से ही दीपावली के उत्सव की शुरुआत होती है, और इस दिन घर में दीप जलाने और यमराज के लिए दीपदान करने की परंपरा है।

धनतेरस की पूजा विधि

धनतेरस की पूजा विधिवत और श्रद्धापूर्वक की जाती है। नीचे पूजा की विस्तृत विधि दी गई है:

  1. पूजा की तैयारी: सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। धन्वंतरि देव, मां लक्ष्मी, और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  2. षोडशोपचार पूजा: धन्वंतरि देव की पूजा षोडशोपचार विधि से करें। इसमें 16 प्रकार की पूजा सामग्री शामिल होती है, जैसे आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (चंदन-केसर), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, आरती, और परिक्रमा।
  3. दीपदान: प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार पर यमराज के लिए दीप जलाएं। इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
  4. खरीदारी: धनतेरस के दिन सोना, चांदी, पीतल के बर्तन, और झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। यह धन और समृद्धि को आकर्षित करता है।
  5. दीप प्रज्वलन: शाम के समय घर के आंगन और मुख्य द्वार पर दीप जलाएं, जो दीपावली की शुरुआत का प्रतीक है।

धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या न खरीदें?

धनतेरस के दिन खरीदारी का विशेष महत्व है। नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • क्या खरीदें:
    • सोना और चांदी के आभूषण या सिक्के
    • पीतल के बर्तन
    • फूल वाली झाड़ू (घर की सफाई के लिए)
    • धनिया के बीज (समृद्धि का प्रतीक)
  • क्या न खरीदें:
    • काले या गहरे रंग की वस्तुएं
    • चीनी मिट्टी, कांच, एल्यूमीनियम, या लोहे से बनी वस्तुएं
    • नुकीली या धारदार चीजें, जैसे चाकू

धनतेरस के शास्त्रोक्त नियम

  1. धनतेरस उदयव्यापिनी त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, अर्थात त्रयोदशी तिथि सूर्योदय के समय होनी चाहिए।
  2. यदि त्रयोदशी तिथि दो दिन तक प्रदोष काल में हो या न हो, तो यमराज के लिए दीपदान दूसरे दिन किया जाता है।
  3. इस दिन स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के साथ धन्वंतरि देव की पूजा की जाती है।

धनतेरस से जुड़ी मान्यताएं

  • झाड़ू खरीदने की परंपरा: धनतेरस पर झाड़ू खरीदना मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और घर से नकारात्मकता दूर करने का प्रतीक है। विषम संख्या (1, 3, 5) में झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।
  • यम दीपदान: यमराज के लिए दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
  • धन्वंतरि पूजा: यह स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति के लिए की जाती है।

धनतेरस और दीपावली का संबंध

धनतेरस दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का पहला दिन है। इस दिन से घरों में दीप जलाने की परंपरा शुरू होती है, जो दीपावली के मुख्य दिन तक जारी रहती है। यह पर्व धन, समृद्धि, और स्वास्थ्य की त्रिवेणी का प्रतीक है।

15 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. धनतेरस 2026 कब मनाया जाएगा?
    धनतेरस 2026 में 6 नवंबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
  2. धनतेरस का शुभ मुहूर्त क्या है?
    नई दिल्ली के लिए धनतेरस पूजा मुहूर्त 18:03:41 से 19:59:35 तक है, जो 1 घंटा 55 मिनट का होगा।
  3. धनतेरस क्यों मनाया जाता है?
    धनतेरस धन्वंतरि देव के समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट होने की स्मृति में मनाया जाता है।
  4. धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ है?
    सोना, चांदी, पीतल के बर्तन, धनिया, और फूल वाली झाड़ू खरीदना शुभ है।
  5. धनतेरस पर क्या नहीं खरीदना चाहिए?
    काले रंग की वस्तुएं, चीनी मिट्टी, कांच, लोहा, और नुकीली चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।
  6. धनतेरस की पूजा विधि क्या है?
    धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा करें, दीप जलाएं, और यमराज के लिए दीपदान करें।
  7. धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदी जाती है?
    झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर से नकारात्मकता दूर होती है।
  8. कितनी झाड़ू खरीदनी चाहिए?
    धनतेरस पर विषम संख्या (1, 3, 5) में झाड़ू खरीदें।
  9. यम दीपदान का क्या महत्व है?
    यमराज के लिए दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
  10. धनतेरस और दीपावली का क्या संबंध है?
    धनतेरस दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का पहला दिन है।
  11. धनतेरस पर कौन से देवता की पूजा की जाती है?
    धन्वंतरि देव, मां लक्ष्मी, और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
  12. धनतेरस पर दीप जलाने का समय क्या है?
    प्रदोष काल (17:32:46 से 20:09:38 तक) में दीप जलाएं।
  13. धनतेरस पर धनिया खरीदने का क्या महत्व है?
    धनिया खरीदना समृद्धि और धन वृद्धि का प्रतीक है।
  14. क्या धनतेरस पर गहने खरीदना जरूरी है?
    गहने खरीदना शुभ है, लेकिन जरूरी नहीं। आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार खरीदारी कर सकते हैं।
  15. धनतेरस का पर्व स्वास्थ्य से कैसे जुड़ा है?
    धन्वंतरि देव आयुर्वेद के जनक हैं, इसलिए यह पर्व उत्तम स्वास्थ्य की कामना से जुड़ा है।

धनतेरस 2026 का पर्व धन, समृद्धि, और स्वास्थ्य की त्रिवेणी का प्रतीक है। इस दिन धन्वंतरि देव की पूजा, यम दीपदान, और शुभ खरीदारी के साथ आप अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का स्वागत कर सकते हैं। Lordkart की ओर से आपको धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं! हम आशा करते हैं कि यह पर्व आपके जीवन में स्वास्थ्य, धन, और खुशहाली लाए।

Disclaimer:

The information provided in this article is based on traditional Hindu beliefs, cultural practices, and general astrological knowledge. It is intended for informational and devotional purposes only. lordkart does not guarantee the accuracy of the information or the outcomes of following the rituals mentioned. Readers are advised to consult qualified priests or astrologers for personalized guidance. lordkart is not responsible for any decisions made based on this content.

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